अमेरिका-ईरान युद्ध में बढ़ते तनाव के बीच, आगामी सप्ताह की शुरुआत में भारतीय शेयर बाजार में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं। अमेरिका ने इजरायल के साथ मिलकर ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हवाई हमले किए हैं, जिससे वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। इस बीच, सोमवार को सेंसेक्स और निफ्टी 50 जैसे भारतीय प्रमुख सूचकांक गैप-अप सेशन के साथ खुल सकते हैं। हालांकि निवेशक बाजार में उछाल की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव से बाजार की धारणा प्रभावित हो सकती है।

वैश्विक बाजारों पर अमेरिका-ईरान संघर्ष का प्रभाव
हैनसेक्स सिक्योरिटीज के रिसर्च एवीपी महेश एम ओझा ने कहा, “निवेशकों को सोमवार को गैप-अप ओपनिंग पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि बढ़ते वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव के कारण कच्चे तेल और सोने की कीमतों में तेजी आ सकती है।” ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते संघर्ष ने निवेशकों को चिंतित कर दिया है, और इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखा जा सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिका और वैश्विक बाजार इस अचानक संघर्ष के लिए तैयार नहीं थे, जिसका निवेशकों की धारणा पर असर पड़ सकता है। ईरान के साथ इस संघर्ष से कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आ सकता है, जिसका भारतीय बाजारों, खासकर उन क्षेत्रों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है जो तेल और गैस पर निर्भर हैं।
निवेशकों की उम्मीदें और बाजार की संभावनाएं
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार में संभावित उछाल आ सकता है। पिछले शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजारों में सकारात्मक तेजी देखी गई, जब सेंसेक्स में 1.6% की बढ़त दर्ज की गई। सेंसेक्स और निफ्टी 50 में 3 दिनों की गिरावट के बाद जोरदार तेजी देखी गई। सेंसेक्स 81,354.85 के स्तर से शुरू होकर 82,494.49 के उच्च स्तर पर पहुंचा, जबकि निफ्टी 50 24,787.65 से बढ़कर 25,136.20 के उच्च स्तर को छू गया।
कौन से महत्वपूर्ण स्तर पर ध्यान देना चाहिए?
विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय बाजारों में कुछ महत्वपूर्ण स्तर हैं, जिन्हें निवेशकों को ध्यान में रखना चाहिए। सेंसेक्स के लिए 82,000-82,500 का स्तर महत्वपूर्ण हो सकता है, जबकि निफ्टी 50 के लिए 25,000-25,200 का स्तर महत्वपूर्ण होगा। अगर ये स्तर टूटते हैं, तो बाजार में और गिरावट आ सकती है, लेकिन अगर ये स्तर मजबूत रहे, तो बाजार में उछाल की संभावना रहेगी।
वैश्विक तेल और सोने की कीमतों पर ध्यान दें
ईरान के खिलाफ अमेरिकी हमलों के बाद वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आने की संभावना है। इसके साथ ही सोने की कीमतों में भी उछाल आ सकता है, जो आमतौर पर संकट के समय निवेशकों के लिए एक सुरक्षित विकल्प के रूप में काम करता है। इससे भारतीय बाजारों में मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ सकता है और घरेलू उपभोक्ताओं को कीमतों में उछाल का सामना करना पड़ सकता है।
बाजार के सामने बड़ी चुनौती
ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते संघर्ष और इसमें अमेरिका के सीधे हस्तक्षेप से वैश्विक स्तर पर अस्थिर माहौल बन सकता है। इस संघर्ष के परिणामस्वरूप अन्य देशों में भी तनाव बढ़ सकता है, जिससे वैश्विक बाजारों में और अधिक अस्थिरता आ सकती है। वैश्विक घटनाओं से पहले से ही प्रभावित भारत अब इस संकट के बीच अपने बाजार को स्थिर रखने के लिए अतिरिक्त प्रयास करेगा।
निवेशकों के लिए सुझाव
इस समय निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। भू-राजनीतिक तनाव के बीच जोखिम बढ़ गया है और ऐसे में निवेशकों को अपनी रणनीति बदलने की जरूरत पड़ सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय शेयर बाजार में निवेश करने से पहले निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में विविधता लानी चाहिए और लंबी अवधि के निवेश के बारे में सोचना चाहिए।
महेश ओझा कहते हैं, “निवेशकों को तेल, सोना और अन्य सुरक्षित निवेश विकल्पों पर भी ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा भारतीय कंपनियों की वित्तीय सेहत और उनके उत्पादन खर्च पर भी नजर रखनी चाहिए।”
निष्कर्ष
अमेरिका-ईरान युद्ध में बढ़ते तनाव का असर भारतीय शेयर बाजार पर पड़ सकता है, लेकिन अगर निवेशक सावधानी से कदम उठाएं और बाजार के रुझानों पर नजर रखें तो वे इस चुनौतीपूर्ण समय में भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। फिलहाल भारतीय बाजारों में थोड़ा सुधार देखने को मिल सकता है, लेकिन यह पूरी तरह से वैश्विक घटनाओं और तेल की कीमतों पर निर्भर करेगा।
निवेशकों को अपने फैसले सावधानी से लेने चाहिए और किसी भी बदलाव के लिए तैयार रहना चाहिए, क्योंकि वैश्विक भू-राजनीतिक घटनाओं से शेयर बाजारों में अचानक बदलाव आ सकते हैं।