औद्योगिक उत्पादन, वैश्विक घटनाक्रम और एफआईआई गतिविधियां तय करेंगी बाजार की दिशा
आने वाले सप्ताह में भारतीय शेयर बाजार की दिशा कई महत्वपूर्ण घरेलू और वैश्विक कारकों से प्रभावित होगी। बाजार विश्लेषकों का मानना है कि औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी), पीएमआई आंकड़े, अमेरिकी टैरिफ नीति, एफआईआई गतिविधियां और कच्चे तेल की कीमतें इस सप्ताह बाजार की चाल तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
प्रमुख आर्थिक आंकड़े बनेंगे बाजार की दिशा के संकेतक
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में 30 जून को मई महीने के औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) आंकड़े जारी किए जाएंगे। इन आंकड़ों से यह संकेत मिलेगा कि देश का औद्योगिक क्षेत्र कैसा प्रदर्शन कर रहा है। इसके बाद 1 जुलाई को मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई और 3 जुलाई को सर्विस पीएमआई के आंकड़े भी बाजार में हलचल ला सकते हैं।
पीएमआई (परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स) के आंकड़े भारत के मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में ऑर्डर फ्लो और कारोबारी धारणा को दर्शाते हैं। अगर ये आंकड़े मजबूत नजर आए तो बाजार में तेजी का रुख जारी रह सकता है। अमेरिकी टैरिफ नीति और व्यापार समझौते पर रहेगी नजर
इस सप्ताह निवेशकों की उत्सुकता अमेरिकी प्रशासन द्वारा वैश्विक व्यापार साझेदारों के साथ किए जाने वाले संभावित व्यापार समझौतों को लेकर भी बनी रहेगी। अमेरिका और भारत के बीच व्यापार संबंधों में मजबूती से न केवल विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह बाजार को सकारात्मक दिशा में भी ले जा सकता है।
विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिकी रोजगार के आंकड़े – खासकर गैर-कृषि पेरोल और बेरोजगारी दर – वैश्विक बाजारों की चाल को भी प्रभावित करेंगे। ये आंकड़े वैश्विक निवेश धारणा को आकार देते हैं और भारतीय बाजार को भी प्रभावित करते हैं।
एफआईआई और कच्चे तेल की कीमतों की भी रहेगी भूमिका
पिछले सप्ताह घरेलू बाजार में दिखी तेजी की एक वजह कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक तनाव में कमी रही। अगर यह रुझान जारी रहा तो भारतीय अर्थव्यवस्था को राहत मिल सकती है, जिससे बाजार में निवेशकों का भरोसा और बढ़ेगा।
इसके साथ ही विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की खरीद-फरोख्त गतिविधियों पर भी कड़ी नजर रहेगी। अगर एफआईआई की ओर से खरीद जारी रही तो बाजार को मजबूत सपोर्ट मिल सकता है।
पिछले सप्ताह बाजार में रही तेजी
पिछले सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। बीएसई सेंसेक्स में 1,650.73 अंक या करीब 2% की तेजी आई, जबकि निफ्टी में भी 525.4 अंक या करीब 2% की तेजी आई। लगातार चार कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स में कुल 2,162.11 अंक या 2.64% की तेजी आई और निफ्टी में भी 665.9 अंक या 2.66% की तेजी आई। विशेषज्ञों की राय: बढ़त की उम्मीद बरकरार मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि बाजार में तेजी जारी रहेगी। इसके पीछे वजह संस्थागत प्रवाह में सुधार और भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों की संभावनाएं हैं। रेलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा ने कहा कि इस सप्ताह घरेलू मोर्चे पर आईआईपी और पीएमआई के आंकड़े अहम होंगे। इसके अलावा मानसून की प्रगति और एफआईआई की गतिविधियां भी बाजार की दिशा तय करेंगी। निवेशकों के लिए सलाह: सतर्क रहें और आंकड़ों पर नज़र रखें
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड में रिसर्च के प्रमुख विनोद नायर का कहना है कि निवेशकों को कंपनियों के पहली तिमाही के नतीजों से पहले संकेतकों पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही भारत और अमेरिका से आने वाले आर्थिक आंकड़ों और वैश्विक व्यापार समझौतों की दिशा पर भी नज़र रखनी चाहिए।
विशेषज्ञों के अनुसार, जब भी बाजार में इतने सारे कारक एक साथ सक्रिय होते हैं, तो उतार-चढ़ाव की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और मज़बूत कंपनियों और सेक्टर में ही निवेश करना चाहिए।
निष्कर्ष
इस हफ़्ते भारतीय शेयर बाज़ार की चाल कई अहम घरेलू और वैश्विक संकेतकों पर निर्भर करेगी। आईआईपी, पीएमआई, अमेरिकी टैरिफ़ नीति, एफआईआई की गतिविधियाँ और कच्चे तेल की कीमतें सभी मिलकर बाज़ार को दिशा देंगे। पिछले हफ़्ते की तेज़ी से निवेशकों में सकारात्मकता है, लेकिन आने वाले आर्थिक आंकड़े और वैश्विक घटनाक्रम इस तेज़ी को बनाए रखने या रोकने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे। इसलिए निवेश करने से पहले अच्छी रिसर्च और विशेषज्ञों की राय लेना बहुत ज़रूरी है।