नम्मा यात्री ने समय से पहले बढ़ाया ऑटो किराया, मचा विवाद

बेंगलुरु में ऑटो सेवाओं के लिए लोकप्रिय ड्राइवर-प्रथम ऐप नम्मा यात्री इन दिनों यात्रियों के गुस्से का सामना कर रहा है। कारण है — नए संशोधित ऑटो किराए को सरकारी लागू तिथि 1 अगस्त से पहले ही प्लेटफॉर्म द्वारा लागू करना। इस फैसले से न सिर्फ यात्रियों में असंतोष फैला, बल्कि यह पारदर्शिता और जवाबदेही पर भी सवाल खड़े करता है।

किराया वृद्धि का पृष्ठभूमि

बेंगलुरु अर्बन रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (RTA) ने 14 जुलाई को नये ऑटो किरायों की घोषणा की थी। इसके तहत:
• शुरुआती 2 किलोमीटर का बेस फेयर 30 से बढ़ा कर 36 कर दिया गया है।
• 2 किमी के बाद प्रति किमी किराया 15 से बढ़ा कर 18 किया गया है।
• इसके साथ ही, वेटिंग चार्ज को लेकर भी संशोधन किया गया है:
5 मिनट तक इंतजार मुफ्त, उसके बाद 10 प्रति 15 मिनट वसूला जाएगा।
सरकार ने स्पष्ट किया था कि ये नए किराए 1 अगस्त से लागू होंगे। लेकिन नम्मा यात्री ने 15 जुलाई से ही इनका आंशिक रूप से पालन शुरू कर दिया।

यात्रियों की शिकायतें और प्रतिक्रियाएं:

बेंगलुरु के नागरिकों ने इस फैसले पर खुलकर आपत्ति जताई।
सिद्धार्थ कुमार, जो बैनरघट्टा रोड पर रहते हैं, ने बतायाऐনे कहा,
“मैंने 15 जुलाई की रात एम.जी. रोड से ऑटो बुक किया, तो ऐप पर नए किराए दिखाई दिए — ₹36 बेस फेयर और ₹18 प्रति किमी। यह अनैतिक है और किराया वृद्धि का गलत उपयोग है।”
ऐसी ही प्रिया आर., जो इंदिरानगर से रोजाना ऑफिस जाती हैं, ने बताया,
“नम्मा यात्री एक भरोसेमंद, ड्राइवर-प्रथम प्लेटफॉर्म था। लेकिन अब यह बाकी एग्रीगेटर्स जैसा ही व्यवहार कर रहा है। नियमों को नजरअंदाज करना निराशाजनक है।”

वेटिंग चार्ज के बारे में भी भ्रम:

RTA की अधिसूचना के अनुसार, पहले 5 मिनट का वेटिंग टाइम फ्री है। उसके बाद 10 हर 15 मिनट पर चार्ज होना चाहिए।
But on the app, passengers were shown 1.50 per minute waiting charge after 3 minutes, which is against the official rules. This filled more confusion and frustration among the passengers.

नम्मा यात्री का स्पष्टीकरण:

when the issue was brought to the attention of नम्मा यात्री co-founder शान एम.एस., they issued clarification:
15 जुलाई से जो नए किराए ऐप पर दिखाए गए थे, वो एक पायलट प्रोग्राम का हिस्सा थे, जिससे सिस्टम की कार्यक्षमता और ड्राइवर-यात्री फीडबैक की जांच हो सके।”
उन्होंने आगे कहा,
“नम्मा यात्री 1 अगस्त से ही नए किराए को औपचारिक रूप से अपनाएगा। अभी तक हम सरकार द्वारा तय किए गए मौजूदा किराए का ही पालन कर रहे हैं।
वहीं, हालांकि यह स्पष्टीकरण आने के बावजूद, यात्रियों की नाराजगी कम नहीं हुई। एक बड़ा वर्ग इसे “पायलट टेस्टिंग” के नाम पर किराए में गुप्त बढ़ोतरी मान रहा है।

जवाबदेही पर सवाल:

ऐसे संवेदनशील बदलावों में पारदर्शिता और समयसीमा का पालन अत्यंत आवश्यक है।
सरकार की तरफ से 1 अगस्त की स्पष्ट समयसीमा के बावजूद किराए में जल्दबाज़ी दिखाना एक भरोसेमंद ऐप की छवि पर असर डालता है।
बेंगलुरु अर्बन डिप्टी कमिश्नर जी. जगदीशा से इस पर प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया।

ऑटो यूनियनों की प्रतिक्रिया:

दिलचस्प बात यह भी है कि ऑटो यूनियनों ने खुद भी इस बढ़े किराए को “अवैज्ञानिक” बताया है, और ₹40 बेस फेयर की मांग की है। इससे यह स्पष्ट है कि न तो ड्राइवर और न ही यात्री पूरी तरह से संतुष्ट हैं।

निष्कर्ष:

नम्मा यात्री जैसे ‘ड्राइवर-प्रथम’ प्लेटफॉर्म से यात्रियों की अपेक्षा होती है कि ईमानदारी और पारदर्शिता की जाने की।
यदि सरकार ने 1 अगस्त को लागू करने की बात की है, तो किसी भी पूर्व-प्रदर्शन (पायलट) को स्पष्ट रूप से यात्रियों के साथ साझा करना था।
अन्यथा, यह कार्य ‘जल्दबाजी में किराया वसूली’ के रूप में विचारा जाएगा — जो एक लोकप्रिय पब्लिक सर्विस ऐप की साख को खराब कर सकता है।

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