ट्रेडिंग में नुकसान के बाद ‘रिवेंज ट्रेडिंग’ से बचें, वरना खाली हो सकता है अकाउंट

परिचय

शेयर बाजार और ट्रेडिंग की दुनिया में Lose और Profit का खेल जारी रहता है। लेकिन भावनाओं में आकर गलत फैसले लेकर नुकसान का सामना करना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। अक्सर देखा गया है कि कुछ ट्रेडर नुकसान के तुरंत बाद उसी पैसे की भरपाई करने के लिए बिना कोई योजना बनाये बार-बार ट्रेडिंग करते हैं। इसे ‘रिवेंज ट्रेडिंग’ कहा जाता है। यह आदत आपकी मेहनत की कमाई को कुछ ही मिनटों में शून्य कर सकती है।
       इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि रिवेंज ट्रेडिंग क्या होती है, इसके खतरे क्या हैं, और कैसे अनुशासन व रणनीति के साथ हम इससे बच सकते हैं।

रिवेंज ट्रेडिंग क्या है?

                 रिवेंज ट्रेडिंग का अर्थ होता है Lose की पूर्ति के लिए भावनाओं में आकर जल्दबाज़ी में ट्रेड करना। जैसे ही अगर आप किसी ट्रेड में नुकसान उठा लिया हो और आप गुस्से या निराशा में आकर उसी पैसे को वापस पाने की कोशिश में बिना सोचे समझे दूसरा ट्रेड करते हैं, तो वह रिवेंज ट्रेडिंग होती है। इस प्रकार की ट्रेडिंग में टिप्पणी करने के लिए सकारात्मक सोच विचार नहीं किया जाता है लेकिन इमोशनल होते हुए समय सीमा में निर्णय लिए जाते हैं जो और भी नुकसान का कारण बन सकते हैं

रिवेंच ट्रेडिंग के प्रमुख खतरे

पूंजी का जल्दी समाप्त होना

बिना Planning और रिस्क मैनेजमेंट के किए गए ट्रेड से आम तौर पर लगातार नुकसान होते हैं। यह ट्रेडर की पूरी पूंजी नष्ट कर सकता है।

आत्मविश्वास में कमी

लगातार नुकसान होने के बाद एक ट्रेडर का आत्मविश्वास डगमगाने लगता है। उसे अपने फैसलों और स्किल्स पर शक होने लगता है, जिससे वह और अधिक गलतियां करता है।

मानसिक तनाव और थकान

जब कोई लगातार रिवेंच ट्रेडिंग करता है, तो उसका मानसिक दबाव बढ़ जाता है। ये तनाव न केवल ट्रेडिंग पर असर डालता है, बल्कि निजी जीवन पर भी असर कर सकता है।

लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल डैमेज

रिवेंज ट्रेडिंग की आदत अगर लगातार बनी रही, तो यह आपकी सेविंग्स और फाइनेंशियल भविष्य को भी खतरे में डाल सकती है।

रिवेंज ट्रेडिंग से कैसे बचें?

प्री-प्लानिंग करें और उसे फॉलो करें, ट्रेडिंग से पहले एक स्पष्ट योजना बनाएं। यह तय करें कि कहां पर एंट्री लेनी है, कहां पर प्रॉफिट बुकिंग करनी है, और कहां स्टॉप लॉस लगाना है। नुकसान होने पर उस योजना से भटकना नहीं चाहिए।

स्टॉप-लॉस लगाना न भूलें

स्टॉप-लॉस एक ऐसा टूल है जो आपको बड़े नुकसान से बचाता है। हर ट्रेड से पहले स्टॉप-लॉस जरूर सेट करें ताकि किसी भी खराब स्थिति में नुकसान सीमित रहे।

इमोशन्स पर नियंत्रण रखे

गुस्सा, डर या अत्यधिक उत्साह – यह सभी इमोशन्स ट्रेडिंग के सबसे बड़े दुश्मन हैं। अगर आप बहुत भावुक महसूस कर रहे हैं, तो बेहतर है कि थोड़ी देर ट्रेडिंग से ब्रेक लें।

ब्रेक लें और खुद को रीसेट करें

जब आप मानसिक रूप से थक चुके हों या बहुत अधिक तनाव में हों, तब ट्रेडिंग करना बंद कर दें। एक छोटा सा ब्रेक आपकी सोच को साफ करता है और आपको फिर से संतुलित स्थिति में लाता है।

सीखें, नुकसान से गुस्से में नहीं करें ट्रेडिंग

रिवेंज ट्रेडिंग से न केवल पैसे का नुकसान होता है, लेकिन यह आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालता है। एक समझदार निवेशक वही है जो हर परिस्थिति में अपने इमोशन्स पर काबू रखें और लॉजिक के आधार पर निर्णय लें। अगर आपको किसी ट्रेड में नुकसान हुआ है, तो यह जरूरी नहीं कि अगला ट्रेड उसकी भरपाई करेगा। अच्छा होगा कि नुकसान का विश्लेषण करें, गलत को समझें, और आगे से उससे बचने की योजना बनाएं।

नुकसान को स्वाभाविक मानें

ट्रेडिंग में हर बार प्रॉफिट नहीं होता। नुकसान भी प्रक्रिया का हिस्सा है। आपको यह सीखना जरूरी है कि आप इसे कैसे स्वीकार करें। उसके बाद उसमें से सीखकर आप आगे बढ़ जाएं।

निष्कर्ष

रिवेंज ट्रेडिंग एक खतरनाक ट्रैप है जिनमें कोई भी नया और अनुभवी ट्रेडर फंसता है। इससे बचने का एक ही उपाय है — अनुशासन, योजना और इमोशन्स पर नियंत्रण। बाजार में लंबे समय तक टिके रहने के लिए आवश्यक है कि आप अपने निर्णयों को भावनाओं के बजाय सोच-विचार और रणनीति के साथ लें
Remember, ट्रेडिंग एक मैराथन है, न कि स्प्रिंट। हर हार से सीखें, लेकिन उसे अपने ऊपर हावी न होने दें। तभी आप एक सफल और समझदार ट्रेडर बन सकते हैं।

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